THE BASIC PRINCIPLES OF विश्व में सबसे ज्यादा किस भगवान की पूजा होती है

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कोर्ट ने ऐसा करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था, लेकिन प्रशासन ने आदेश आने के चंद घंटों के बाद ही देर रात में पूजा शुरू करा दी.

अब वाराणसी की ज़िला अदालत के फैसले के बाद वहां पर कोर्ट के नियुक्त किए गए रिसीवर (डीएम वाराणसी) ने पूजा, राग-भोग फिर से शुरू करवाया है.

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प्रशासन ने धार्मिक कार्यों के कुछ जानकारों से भी इस बात की सलाह ली कि अगर कोई जगह काफी दिनों तक बंद रहती हैं तो वहां पूजा करने के लिए क्या विधान होता है.

सिर्फ प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट के लोग थे मौजूद

प्रशासन के मुताबिक कोर्ट के आदेश के अनुसार, सिर्फ़ उन्हीं मूर्तियों की पूजा होनी थी जो इस तहख़ाने से मिली थीं.

प्रशासन का कहना है कि रास्ता पहले की तरह अब भी बंद है लेकिन अब फिक्स्ड बैरीकेड की जगह दरवाज़ा लगा दिया गया.

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क्योंकि तहखाना बंद था तो उसमें सीलन की समस्या भी थी.

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वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिश्नर ने काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन से और पास के थाना चेतगंज के अधिकारियों से फीडबैक लेकर यह तय किया कि प्रशासन फेंस काटने की कार्रवाई और पूजा देर रात में करवाएगा.

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इसमें पत्थर के बिना शिवलिंग के दो अरघे, एक भगवान विष्णु की मूर्ति, दो भगवान हनुमान की मूर्ति, एक भगवान गणेश की, एक राम लिखा हुआ छोटा सा पत्थर और एक गंगा जी का मकर है.

इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है. साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है.

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